Saturday, April 27th, 2024

विक्रम विवि के लिए दिल्ली, लखनऊ और बनारस के प्रोफेसर भी नहीं उतरे कसौटी पर खरे

भोपाल
विक्रम विवि उज्जैन के कुलपति का चयन करने लिए राजभवन ने तीन सदस्यीय सर्च कमेटी गठित कर दी है। राजभवन को कोरोना काल के चलते तीन बार तिथि में बढ़ोतरी करनी पड़ी। इसके बाद भी राजभवन को करीब सौ आवेदन ही मिले सके हैं। राजभवन से मिली जानकारी के मुताबिक विक्रम विवि में कुलपति बनने के लिए मप्र ही नहीं बल्कि दिल्ली, लखनऊ, बनारस के साथ अन्य राज्यों के वरिष्ठ प्रोफेसरों ने अपने बायोडाटा राजभवन भेजे थे। प्रदेश से जमा हुए उम्मीदवारों के बायोड़ाटा बाहरी राज्यों के बायोडाटा पर काफी भारी पड़े हैं। इसलिए सर्च कमेटी ने उनकी स्कू्रटनी कर उन्हें बाहर कर दिया है। सर्च कमेटी 31 अगस्त को साक्षात्कार करने के लिए 12 से 14 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित करेंगे। इस संबंध में उम्मीदवारों को सूचना भेजी जा रही हैं।

पहली बार होगा शासन का प्रतिनिधित्व
कांग्रेस सरकार ने राजभवन की सर्च कमेटी के सदस्यों के मनोनयन में परिवर्तन किया है। सर्च कमेटी में यूजीसी, राजभवन और संबंधित विवि की कार्यपरिषद से एक सदस्य मनोनीत किया जाता था। गत वर्ष शासन ने नियम में संशोधन कर विवि की कार्यपरिषद से आने वाले सदस्य के स्थान पर शासन की तरफ से सदस्य नियुक्त करने की व्यवस्था बनाई है। परिवर्तित व्यवस्था में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव अनुपम राजन को पहला मौका दिया गया है। कमेटी में यूजीसी की तरफ से जगमोहन राजपूत को शामिल किया गया है। इसके साथ राजभवन ने बीयू के पूर्व विभागाध्यक्ष एके ग्वाल को सर्च कमेटी में शामिल किया गया है।

31 को होंगे इंटरव्यू
राजभवन में 31 अगस्त को सूचित किए गए सभी उम्मीदवारों के साक्षात्कार होंगे। इस दौरान सर्च कमेटी उम्मीदवारों से विवि के विकास और योगदान के संबंध में चर्चा यहां तक उन्हें अपना प्रजेंटेशन तक देना होगा। इसके बाद कमेटी अपना पैनल तैयार कर राजभवन भेजेगी। इसके बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल किसी एक उम्मीदार को विक्रम विवि का कुलपति नियुक्त करेगी।

राज्यपाल पटेल से पटेल तक
गत वर्ष तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विक्रम विवि के कुलपति का चयन करने के लिए विज्ञापन जारी कराया था। वे कुलपति की नियुक्ति करते। इसके पहले उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बना दिया गया। इससे वे विक्रम विवि के कुलपति की नियुक्ति नहीं कर सकीं। इसी बीच मप्र में लालजी टंडन को राज्यपाल नियुक्त किया गया। मार्च में लाकडाउन लगने के बाद राजभवन को दोबारा आवेदनों की तिथि में बढ़ोतरी करना पड़ी। लाकडाउन खुला और राज्यपाल टंडन का स्वास्थ्य बिगड़ गया, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। तब उप्र राज्यपाल पटेल को मप्र का प्रभारी राज्यपाल नियुक्त किया गया है। समय राहते मप्र में नियमित राज्यपाल की नियुक्ति नहीं होती है, तो प्रभारी राज्यपाल पटेल ही विक्रम विवि के कुलपति की नियुक्ति करेंगी।

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